बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल - सुदूर संवेदन एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली के मूल तत्व बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल - सुदूर संवेदन एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली के मूल तत्वसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- भारत के कृत्रिम उपग्रहों के कुछ उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर -
भारतीय कृत्रिम उपग्रहों के उदाहरण
भारत में कृत्रिम उपग्रहों का प्रक्षेपण इसरो के माध्यम से किया जाता है। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम सन् 1962 में शुरू हुआ। इसके लिए भारत सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति बनाई। सन् 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation-ISRO) की स्थापना की गई जिसका मुख्यालय बंगलौर में है। जून 1972 में भारत सरकार ने अंतरिक्ष आयोग की स्थापना की। अंतरिक्ष विभाग को ही भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के संचालन का जिम्मा सौंपा गया है। अंतरिक्ष आयोग तथा अंतरिक्ष विभाग का मुख्यालय बंगलौर में है।
(1) आर्यभट्ट (Aryabhatta) - भारत ने 19 अप्रैल, 1975 को भारतीय वैज्ञानिकों तथा इंजीनियरों द्वारा निर्मित प्रथम उपग्रह आर्यभट्ट को इंटर कॉसमॉस रॉकेट द्वारा रूसी रूसी रॉकेट प्रक्षेपण स्थल कॉस्मोड्रोम से प्रक्षेपित कर अंतरिक्ष युग में प्रवेश किया। इस उपग्रह का नाम भारत के महान खगोलशास्त्री तथा गणितज्ञ आर्यभट्ट के सम्मान में रखा गया।
(2) भास्कर-1 (Bhaskar-1) - इस उपग्रह का प्रक्षेपण 7 जून, 1979 में इंटर कॉसमॉस रॉकेट द्वारा रूसी रॉकेट प्रक्षेपण स्थल कॉस्मोड्रोम से किया गया। इस उपग्रह का नाम भारत के महान गणितज्ञ तथा वैज्ञानिक भास्कराचार्य के सम्मान में रखा गया है।
(3) रोहिणी आर०एस० I (Rohini RS-I) - इस उपग्रह का प्रक्षेपण 10 अगस्त, 1979 को एस०एल०वी०-3 रॉकेट द्वारा रॉकेट प्रक्षेपण केन्द्र श्री हरिकोटा रेंज से किया गया। इस उपग्रह का वजन लगभग 35 किग्रा था। भारत की इस उपलब्धि से भारत अन्य देशों अमेरिका, सोवियत रूस, फ्रांस, चीन, जापान की पंक्ति में सम्मिलित हो गया।
(4) एप्पल (Apple : Ariane Project Payload Experiment) - इस उपग्रह का प्रक्षेपण 19 जून, 1981 को एरियन- रॉकेट द्वारा यूरोपीय रॉकेट प्रक्षेपण केन्द्र कोरू, द० अमेरिका से किया गया।
(5) इनसेट (INSAT : Indian National Satellite) - यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (isro) द्वारा निर्मित बहुउद्देशीय भारतीय उपग्रह श्रृंखला है जिसकी सहायता से मौसम विज्ञान की जानकारी दूरसंचार कार्यक्रमों का संप्रेषण सूर्य तथा अंतरिक्ष से आने वाली विकिरणों का अध्ययन भू-सम्पदा का सुदूर संवेदन आदि जानकारी प्राप्त होती है।
(6) आई०आर०एस० (IRS) (भारतीय दूरसंवेदी उपग्रह) - इस श्रृंखला के अन्तर्गत IRS : 1A तथा IRS - 1B उपग्रहों का प्रक्षेपण वोस्तक रॉकेट द्वारा रूसी अंतरिक्ष अड्डा बैकानुर (सोवियत संघ) से क्रमश: 17 मार्च, 1988 तथा 29 अगस्त, 1991 में किया गया। इनका वजन लगभग क्रमशः 980 किग्रा तथा 958 किग्रा था। इन उपग्रहों का निर्माण सूदूर संवेदन की दृष्टि से किया गया।
12 सितम्बर, 2002 को पहले मौसम उपग्रह (METSAT) को PSLV C4 नामक रॉकेट से रॉकेट प्रक्षेपण केन्द्र, श्रीहरिकोटा रेंज से प्रक्षेपित किया गया, जिसका वजन लगभग 1000 किया था। बाद में इसका नाम कल्पना-I रखा गया। यह नाम भारत के महान अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ० कल्पना चावला के सम्मान में रखा गया। जिनकी मृत्यु कोलंबिया शटल के दुर्घटनाग्रस्त होने से 1 फरवरी, 2003 को हो गई थी।
(7) जी-सैट (GSAT : GEO stationary Statellite) - इसके अन्तर्गत भारत ने 18 अप्रैल, 2001 को जी-सैट-1 उपग्रह को रॉकेट प्रक्षेपण केन्द्र, श्रीहरिकोटा रेंज से प्रक्षेपित किया जिसका वजन लगभग 154 किग्रा था। परन्तु यह उपग्रह असफल हो गया। इसके पश्चात् जी सैट-2 उपग्रह को 8 मई, 2003 में सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र श्री हरिकोटा से GSLV-D2 द्वारा प्रक्षेपित किया गया। इसका वजन लगभग 1800 किग्रा था। इसरो द्वारा भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की 40वीं वर्षगांठ पर 21 नवम्बर, 2003 को तिरुअन्नतपुरम स्थित विक्रम भाई साराभाई स्पेश स्टेशन से रोहिणी 200 साउंडिंग रॉकेट का सफल प्रक्षेपण किया गया।
(8) इज्यूसैट (Edu. SAT) - इस उपग्रह का प्रक्षेपण 20 सितम्बर, 2004 को श्रीहरिकोटा से किया गया। इसका वजन लगभग 1950 किग्रा था। इसका उद्देश्य दूरस्थ शिक्षा क्षेत्र में क्रांति लाना है।
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